कुछ खोना है , कुछ पाना है
कुछ खोना है , कुछ पाना है
जीवन का खेल पुराना है
जब तक ये साँस चलेगी , यारा ये तो चालते जाना है
कभी सुखोंका मेला, कभी अकेला ये जीवन
कोंन अपना बेगाना, ये न पहचाना मेरा मन
प्रेम की सरगम लिखू हरपल, मै हु प्रेम पुजारी
दिल लेना दिल देना जानु, ना जानु दुनिया दारी
धड़कन की ले पे तो जीवन को एक मिटा गीत बनाना हे
होता है वो हो जाये, काहे तू घबराए तू पगले
इन्सान अगर सच्चा है तो होगा अछा ये सुनले
देख नयी दुनिया की राहे, बाहें खोले पुकारे
नयी सुबह का सूरज होगा, होंगे नए सितारे
सपनो के पार जाना है, जाके मंजिल को पाना है
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हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...