टूटे हुए ख्वाब कुछ इस तरह दिल दुखाते रहे
वक़्त -बेवक्त कुछ लम्हे याद आते रहे ..
उनका दूर -दूर तक मोहब्बत से कोई वास्ता न था !!!
पर उन्हें हमसे मोहब्बत है ,यह कहकर हम दिल बहलाते रहे
राह -इ -वफ्फा के सफ़र पर वोह कुछ यूह बदनाम हुए
फिर भी हम कसूरवार थे ,यह दुनिया को बतलाते रहें ...
बंद पलकों पर जो तेरा अक्स सा बनकर रह जाता था
खुली जो पलकें वोह अश्क बनकर आँखों में झिलमिलाते रहे ...
यहाँ किसी को रोता देखकर आखिर कौन रोता है
एक हम थे जो अपनी तनहाइयों में भी मुस्कुराते रहे ...
लब -इ -खामोश अब कुछ इज़हार -इ -तमन्ना चाहे !!!
पर हर बार की तरह वोह सिर्फ नज़रें चुराते रहे ...
"मनोज " के ब्लॉग पर जिन्हें खामोश रहने की आदत थी
रातों में बैठकर वोह इन् ब्लॉग को गुनगुनाते रहे ...
आज के दौर में कौन याद रखता है भूली -बीसरी बातों को
"मनोज " की बात और है !!!कुछ वादों को हम आज तक निभाते रहे ..
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हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...