मुजको लम्बी उम्र की दुवा ना दो
जीतनी गुजारी न गवार गुजारी
तुम्ही ने मेरी जिन्दगी ख़राब की है
तुम्हारे लिए ही मैंने ये हालत की हे
मैंने तोह तुमसे प्यार किया , चाहत पे यकीं दिलदार किया
मैं पागल आशिक बेचारा , मुझे हंस हंसके तुमने मारा
ये अश्क पता पहले होता , होकर बर्बाद ना मैं रोता
कोई न पूछे क्यों मई दर्द मैं क्यों हु , आब मैं दर्द लेके मैं जीता हु
जो अददत पड़ गयी दर्द मई जीने की , तोह आग बुझी मेरे सिने की
इन हाथो मैं जब जाम मिला, मुझको थोडा आराम मिला
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हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...