शिकवा नहीं किसीसे , किसीसे गिला नहीं
नसीब मैं नहीं था जो हमको मिला नहीं
तू मिल सका न हमको , तस्सली तोह मिल गयी
ई बहार शाख पे कलि भी खिल गयी
अरमान था हमको जिसका वोह गुल खिला नहीं
नसीब मैं नहीं था जो हमको मिला नहीं
यादों की झिलमिल अति पर्चाहाइयों के दिन
कटते नहीं है तनहा तनहा यों के दिन
है चाहत का दिलकश आब सिलसिला नहीं
नसीब मैं नहीं था जो हमको मिला नहीं
शिकवा नहीं किसीसे , किसीसे गिला नहीं
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हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...