Wednesday, May 22, 2013

मुझे तुम कभी भी भुला न सकोगे।

देता आलं असत तर 

नक्कीच मी दिल असत 
तुझ्या नावावर सार 
आयुष्यचं केलं असतं 
घेतां आलं असतं  तर 
दुख तुझ घेतलं असत 
माझ्या  ओंजळीत ल सुखही
तुझ्या ओंजळीत ओतलं असतं 

------------------------


मुझे तुम नज़र से गिरा तो रहे हो

मुझे तुम कभी भी भुला न सकोगे।

न जाने मुझे क्यों यक़ीं हो चला है

मेरे प्यार को तुम मिटा न सकोगे।

मेरी याद होगी जिधर जाओगे तुम

कभी नग़मा बन के, कभी बन के आँसू।

तड़पता मुझे हर तरफ पाओगे तुम।


शमा जो जलाई है मेरी वफ़ा ने

बुझाना भी चाहो बुझा न सकोगे।

कभी नाम बातों में आया जो मेरा

तो बेचैन हो-हो के दिल थाम लोगे।

निग़ाहों में छाएगा ग़म का अँधेरा।

किसी ने जो पूछा सबब आँसुओं का

बताना भी चाहो बता न सकोगे।


------------------------


अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको


मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको।

मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने

ये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको।

ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामन

कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको।

बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’

शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको।

No comments:

Post a Comment

हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...