Tuesday, December 28, 2010

अपुरे स्वप्न.... २००५ - २०१० " सुस्वागतम " <---> २०११ <----->

" नवीन वर्षाच्या हार्दिक शुभेच्या"
२००५  -  २०१०  सुस्वागतम २०११

दुष्ट लागणा जोगे सारे गाल बोट हि कोटे नसे
जग दोघांचे असे रचू कि स्वर्ग त्या पुढे  फिका पडे
स्वप्ने हूनन सुंदर घरटे मना हून असेल मोटे
दोघानाही जे जे हवे ते होईल साकार येथे
आनदाची अन तृप्तीची शांत सावली येते मिळेल

जुळले रे नाते अतूट आणि  जन्म जन्माची भेट
 घेउनिया  प्रीतीची आन, एक रूप होतील प्राण
सहवासाचा सुन्गंद  येथे आणि सुन्गद रूप दिसे ...
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एक नाम तुम्हारा लेकर हम जीते है मरते है ,
 ये इश्क निभाना देना तुम गुजारिश ये करते है ,
तुम खुश हो तो हम भी यु खुश रहते है
तुम रूटो तो हम खुद से रूटे रहते रहते है ..
ये जान लो बस तुमसे ही हम अपनी खबर रखते है
तुम भूल ना जाना इसको  गुजारिश ये करते है

जितना भी हम तुमको चाहों तो कम लगता है
ये इश्क इसीलिए ही तो पल पल बढ़ता है
तुम से ही इस  जीवन का सारा ही भ्रम रखते है तुम तोड़ ना देना इसे ये गुजारिश करते है

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हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...