Thursday, July 28, 2011

आनंदवनभुवनी

आनंदवनभुवनी

जन्म दु:खे जरा दुखे |नित्य दुखे पुन्ह्पुन्हा |
ससार त्यागणे |आनंदवनभुवना ||
वेधले चित्त जाणावे |रामवेधी निरंतरी |
रागे हो वीतरागे हो |आनंदवनभुवना ||
संसार वोढीता दुखे |ज्याचे त्यासीच ठाउके |
परंतू येकदा जावे |आनंदवनभुवना ||
न सोसे दुख ते होते | दुख शोक परोपरी |
येकाकी येकदा जावे |आनंद्वनभुवना ||
कष्टलो कष्टलो देवा |पुरे संसार जाहाला |
देहत्यागासी येणे हो | आनंदवनभुवना ||
जन्म ते सोसिले मोठे | अपाय बहुतांपरी |
उपाये धाडिले देवे | आनंदवनभुवना ||
स्वप्नी जे देखिले रात्री | तें तें तैसेची होतसे |
हिंडता फिरता गेलो |आनंदवनभुवना ||
जे साक्ष देखिली दृष्टी |किती कल्लोळ उठीले|
विघ्न्घ्ना प्रार्थिले गेलो | आनंदवनभुवना ||
स्वधर्मा आड जे विघ्ने |ते ते सर्वत्र उठिली |
लाटीलीं कुटीली देवी | दापिली कापिली बहु ||
विघ्नांच्या उठिल्या फौजा | भीम त्यावरी लोटला |
धर्डीली चिरडीली रागे |रडवीली बडविली बळे ||
हाकीली टाकिली तेणे | आनंदवनभुवनी |
हांक बोंब बहु झाली | पुढे खतल मांडिले ||
खोळले लोक देवाचे | मुख्य देवची उठिला |
कळेना काय होते रे | आनंदवन भुवनी ||
ग्रंथी जे वर्णिली मागे .| गुप्तगंगा महानदी |जळांत रोकडे प्राणी | आनंदवनभुवनी ||
सकळ देवांची साक्ष | गुप्त उदंड भुवने |सौख्य जे पावणे जाणें | आनंदवनभुवनी ||
त्रैलोक्य चालिले तेथे | देव गंधर्व मानवी |ऋशी मुनी महायोगी |आनंदवनभुवनी ||
आक्रा आक्रा बहु आक्रा |काये आक्रा कळेचीना |गुप्त ते गुप्त जाणावे |आनंदवनभुवनी ||
त्रैलोक्य चालिल्या फौजा | सौख्य बंदविमोचने |मोहीम मांडली मोठी | आनंदवनभुवनी ||
सुरेश उठिला आंगे |सुरसेना परोपरी |विकटे कर्कशे याने |आनंदवनभुवनी ||
देव देव बहु देव |नाना देव परोपरी |दाटणी जाहाली मोठी |आनंदवनभुवनी ||
दिग्पती चालिले सर्वै |नाना सेना परोपरी |वेष्टित चालिले सकळी| आनंदवनभुवनी ||
मंगळ वाजती वाद्ये |माहांगणा समागमे |आरंभी चालीला पुढे | आनंदवनभुवनी ||
राश्भे राखिली मागे |तेणे रागेची चालिल्या |सर्वत्र पाठीसी फौजा |आनंदवनभुवनी ||
आनेक वाजती वाद्ये | ध्वनीकल्लोळ उठिला |छेबीने डोलती ढाला | आनंदवनभुवनी ||
वीजई दिस जो आहे | ते दिसी सर्व उठती |अनर्थ मांडला मोठा |आनंदवनभुवनी ||
देवची तुष्टला होता | त्याचे भक्तीस भुलला |
मागुता क्षोभला दुखे | आनंदवनभुवनी ||
कल्पांत मांडला मोठा | म्लेंच्छ दैत्य बुडवाया |
कैपक्ष घेतला देवी |आनंदवनभुवनी ||
बुडाले सर्व ही पापी | हिंदुस्थान बळावले |
अभक्तांचा क्षयो जाला |आनंदवनभुवनी ||
पूर्वी जे मारिले होते | ते ची आता बळावले |
कोपला देव देवांचा | आनंदवनभूवनी ||
त्रैलोक्य गांजिले मागे |ठाउके विवेकी जना |
कैपक्ष घेतला रामे | आनंदवनभुवनी ||
भीम ची धाडिला देवे | वैभवे धाव घेतली |
लांगूल चालिले पुढे | आनंदवनभुवनी ||
येथून वाढला धर्मू | रमाधर्म समागमे |
संतोष वाढला मोठा | आनंदवन भुवनी ||
बुडाला औरंग्या पापी | म्लेंच संहार जाहाला |
मोडली मांडली छेत्रे | आनंदवनभुवनी ||
बुडाले भेदवाही ते | नष्ट चांडाळ पातकी |
ताडिले पाडिले देवे | आनंदवनभुवनी ||
गळाले पळाले मेले |जाले देशधडी पुढे |
निर्मळ जाहाली पृथ्वी | आनंदवनभुवनी ||
उदंड जाहाले पाणी | स्नान संध्या करावया |
जप तप अनुष्ठाने |आनंदवनभुवनी ||
नाना तपे पुरश्चरणे |नाना धर्म परोपरी |
गाजली भक्ती हे मोठी | आनंदवन भुवनी ||
लिहिला प्रत्ययो आला | मोठा आनंद जाहाला |
चढता वाढता प्रेमा |आनंदवनभुवनी ||
बंडपाषांड उडाले |शुध आध्यात्म वाढले |
राम कर्ता राम भोक्ता | आनंदवनभुवनी ||
देवालये दीपमाळा |रंगमाळा बहुविधा |
पूजिला देव देवांचा | आनंदवन भुवनी ||
रामवरदायीनी माता |गर्द घेउनी उठिली |
मर्दिले पूर्वीचे पापी | आनंदवनभुवनी ||
प्रतेक्ष चालिली राया | मूळमाया समागमे |
नष्ट चांडाळ ते खाया | आनंदवनभुवनी ||


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हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...