Monday, May 13, 2013

ढूंढ ही लोगे मुझे तुम हर जगह ...

कौन मेरा, मेरा क्या तु लागे

क्यूँ तु बांधे, मन के मन से धागे
बस चले ना क्यूँ मेरा तेरे आगे

ढूंढ ही लोगे मुझे तुम हर जगह 

अब तोमुझको खबर है
हो गया हूँ तेरा जब से मैं

हवा में हूँतेरा असर है
तेरे पास हूँ एहसास में, मैं याद में तेरी
तेरा ठिकाना बन गया अब सांस में मेरी

छोड़ कर ना तु कहीं भी दूर अब जाना, 
तुझको कसम है साथ रहना जो भी है
 तु झूठ या सच है, या भरम है
अपना बनाने का जतन कर ही चुके 

अब तो बैय्याँ पकड़ कर आज चल, 
मैं दूं बता सबको मेरा क्या तु लागे
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रब रूठे या जग छूटे

जां रूठे या ज़हन ये छूटे
यार मेरे, ऐतबार मेरे
पर तुझ संग लगी
लगी  ना छूटे


मांग लिया है सब कुछ मैंने
मांग लिया है जब तुझको
प्यार वफ़ा का काशी काबा
मान लिया है अब तुझको
ये भी पता है सच तु ही है
लोग हैं सारे बस झूठे
यार मेरे, ऐतबार मेरे...

ख़ाक बना दे अब तु चाहे
पाक बना दे चाहे तु
उफ़ ना करूँगा भूले से भी
अब मैं हवाले तेरे हूँ
हो ईद सा होगा वो पल जब तु


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मुझ में तु, तु ही तु बसा
नैनों में जैसे ख़्वाब सा
जो तु ना हो तो पानी पानी नैना
जो तु ना हो तो मैं भी हूँगा मैं ना
तुझी से मुझे सब अता

इश्क आशिकी में, कुछ लोग छांटता है
ज़ख्म बांटता है, उन्हें दर्द बांटता है
तोड़ देता है ख़्वाब सारे देखते देखते
कर दे बर्बाद सा

सफर दो कदम है, जिसे इश्क लोग कहते
मगर इश्क वाले, सब सफर में ही रहतेखत्म होता न उम्र भर ही, इश्क का रास्ता
है ये बेहिसाब सा

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हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...