Thursday, September 23, 2010

आज कि पिढी

बहुत अजीब हे आज की पीढ़ी
मुंह में गुटखा हात में बीडी
सुन्दरियों के तन से कपडे हो रहे कम
इस बात का नहीं उन्हें गम
क्योंकि चढ़ रही वो इक्कीसवी सदी की सीडी
बहुत अजीब हे आज की पीडी
नई पीडी की हलक खस्ता हें
उनके लिए दूध महंगा दारू सस्ता हे
बियर-बार हॉउस फूल रहते हे
ये बात बोतल और जाम कहते हे
एस पीडी में किसी का स्वभाव शांत तो
कोई  चिडचिडी हे बहुत अजीब हे आजकी पीडी
आज की पीडी का शब्द हेलो  हाय
सुन्दरियों ना जाने कितने फ्रेंड हे बॉय
दूसरा मिल जय तो
पहले को बाय बाय
उन सुन्दरियों के लिए दोस्तों में
कितनी जंग छिड़ी
बहुत अजीब हे आज की पीडी
मुहमे गुटखा हात में बीडी

मनोज गोबे

1 comment:

हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...