Saturday, September 25, 2010

तू जो नहीं है तो

तू जो नहीं है तो

तू जो नहीं है, तो कुछ भी नहीं, ये माना की 
महफ़िल , जिन्दगी जवान हसीन है !
मुझे फिर तबाह कर, मुझे फिर रुला जा ,
सितम करनेवाली कही से तू आजा ,
आँखों मै तेरी ही सूरत बसी है !
तेरी तरह तेरा गम भी हसीन है !
समझ मै न आये ये क्या माजरा है ,
तुझे पाके दिल में  ये खाली सा क्या है ,
तू हर वक़्त मिलने, कोई बेकली है
क्यों हरक़त सिने में रहती कमी है !
जिदर भी ये देखे , जाये भी ये जाये ,
तुझे धुंडती   है , ये पागल निगाहे ,
मै जिन्दा हु लेकिन कहा जिन्दगी है
मेरी जिन्दगी तू कहा खो गयी है !

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हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...