Sunday, August 8, 2010

शयाद वो मिल जाये


एस  पर्वत  में , एस  पथज़द में  फूल  कोई  खिल  जाये ....
...कब  से  उसको  दुंड  रहा  हु ..शयाद  वो  मिल  जाये ....!!!!
तुम लाखो चुप हो मुजसे लेकिन मेने दुंड लिया आहे ..
नाम पता मेने इस दिल से पूछ लिया हे .....
कुछ सुनती हो न कुछ चुपसी रही हो ..
जल्दी सी एस जिन्दगी में  चली आओ ...!!!!!!


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हर गडी बदल रही रूप जिन्दगी...